हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित हदीस को "नहज उल-बलागा" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام العلی علیه السلام:
انْظُـرُوا أَهْلَ بَيْتِ نَبِيِّـكُمْفَالْزَمُـوا سَمْتَهُمْ، وَاتَّبِعُـوا أَثَرَهُمْ،فَلَنْ يُخْرِجُوكُمْ مِنْ هُدًى، وَلَنْ يُعيدُوكُمْ فِيرَدًى، فَإِنْ لَبَـدُوا فَالْبُدُوا، وَإِنْ نَهَضُـوا فـَانْهَضُـوا.وَلاَ تَسْبِقُوهُمْ فَتَضِلُّوا، وَلاَ تَتَأَخَّرُوا عَنْهُمْ فَتَهْلِكُوا
हज़रत इमाम अली (अ) ने फ़रमाया:
अपने पैगंबर (स) के अहले-बैत को देखो, उनके चरित्र का अनुसरण करो और उनके नक्शेकदम पर चलो। वे तुम्हे भटकने न देंगे, और न तुमहे भटकने और विनाश की ओर फेरेंगे। वो कहीं रुके तो तुम भी रूको और वो कहें उठे तो तुम भी उठो। उनके आगे न बढ़ो, नहीं तो तुम भटक जाओगे और पीछे न रहो अन्यता तुम नष्ट हो जाओगे।
नहज उल-बलागा, ख़ुत्बा न. 96